यार खास हो तो,इश्क़ भी खास हो जाता है।

जब भी उससे मिलता हूं,
वक़्त ठहर सा जाता है,
उसकी ठहर कर आती सी हंसी,
देख, हर मर्ज ख़तम हो जाता है,

यूं तो दर्द, उसके सीने में भी,
दफ़न हजार है,
लगता है, मेरे पहलू में बैठ,
चैन उसे भी आता है,

कौन कहता है,
इश्क़ है बेकार की बात,
यार खास हो तो,
इश्क़ भी खास हो जाता है।।

देव

Leave a Reply